khatu shyam photo- भारत एक ऐसा देश जहाँ पर लाखो मंदिर है, और उसमे लाखो देवी देवता भी रहते है, और इन्ही में से एक है, खाटू श्याम मंदिर, इसलिए आज के इस लेख में हम khatu shyam photo के साथ-साथ खाटू श्याम बाबा के बारे में आप लोगो को जानकारी देने वाले है।
इसके पहले हमने 150+ whatsapp dp images के बारे में आप लोगो को बताया था, लेकिन आज के इस लेख में हम baba khatu shyam photo के बारे में जानकारी देने वाले है, आज के समय में लाखो श्रद्धालु खाटू श्याम के धर्षण के लिए जाते है।
लेकिन खाटू श्याम कैसे जाना है, खाटू श्याम बना कौन है, खाटू श्याम मंदिर कैसे पहुचे, और ल्खातु श्याम की फोटो के बारे में आप लोगो बताने वाले है, इसलिए आप सभी से निवेदन है, आप लोग इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़े।
अन्यथा आप khatu shyam photo के साथ-साथ खाटू श्याम मंदिर से सम्बंधित बहुत सी आवश्यक जानकारी को मिस कर देंगे, तो चलिए अब बिना समय को गंवाए बाबा खाटू श्याम के बारे में जानते है।
खाटू श्याम कौन है।
“खाटू श्याम” या “खाटू बाबा” विष्णु भगवान के एक प्रमुख अवतार के रूप में पूजे जाते हैं। हिन्दू धर्म के अनुसार, खाटू श्याम द्वापर युग में पृथ्वी पर आए थे और उनके जीवन और लीलाएं “श्री श्याम चरित्र” नामक पुराण में विस्तार से वर्णित की गई हैं। खाटू श्याम का जन्म स्थल खाटू गांव में है, जो राजस्थान के श्री श्यामजी मंदिर के पास स्थित है।
खाटू श्याम के पूजन का महत्व विशेष रूप से राजस्थान और हरियाणा के क्षेत्र में है, और वे भक्तों के बीच बड़े आदर और प्रेम से पूजे जाते हैं। उन्हें विष्णु भगवान के एक अवतार के रूप में माना जाता है और उनके भक्त उन्हें अपने जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में मानते हैं।
खाटू श्याम के कथा और महत्व के कई रूप हैं, और विभिन्न स्थानों पर उनके मंदिर हैं, जहाँ उनकी पूजा की जाती है।
असली में खाटू श्याम कौन है। खाटू श्याम का इतिहास।
“बर्बरीक,” महाभारत काल के महत्वपूर्ण चरित्रों में से एक थे। वे भीम के पौत्र थे और उनके पिता का नाम घटोत्कच्च था, तथा इनकी माता का नाम हिडिम्बा था, उनका असली नाम खट्ट (Khatt) था, लेकिन उन्हें “बर्बरीक” कहा जाता है।
क्योंकि उन्होंने अपनी बड़ी उम्र में एक बड़ी शीर्षक कटवाने वाले चरणों का आशीर्वाद प्राप्त किया था, बर्बरीक विशेष रूप से एक अत्यंत प्रशिक्षित और धनुर्धारी थे, और जब महाभारत का युद्ध प्रारंभ हुआ, तब उस युद्ध में बर्बरीक भी भाग लेने जा रहे थे।
तब यह बात श्री कृष्ण को पता चली, तब उन्होंने इसकी परीक्षा लेनी चाही, और इनसे पूछा की आप किसकी तरफ से युद्ध करोगे, तो बर्बरीक ने जवाब दिया कि वह उस तरफ से युद्ध लड़ेंगे, जिसकी सेना हार रही होगी।
तब यह बात श्री कृष्ण को गवारा नहीं हुई, और उन्होंने अपने आप को बर्बरीक का गुरु बताते हुए, उनका सर गुरु दक्षिणा में मांग लिया, तब बर्बरीक ने अपना सर उन्हें दान में दे दिया, और आखिरी इच्छा पर श्री कृष्ण से पूरा महाभारत देखने की मांग की।
और तब श्री कृष्ण ने प्रसन्न होकर उन्हें खाटू श्याम का नाम दिया और यह वरदान दिया कि उन्हें लोग कलयुग में मेरे नाम से पूजेंगे, और तब से बर्बरीक की बाबा खाटू श्याम के रूप में पूजा अर्चना की जाती है।
khatu shyam mandir kaise jaye। बाबा खाटू श्याम मंदिर कैसे जाए।
वैसे तो खाटू श्याम मंदिर जाने के लिए कई तरीके है, लेकिन आजकल लोग रेलमार्ग से अधिक जाते है, इसलिए आज के इस लेख में हम रेलमार्ग से खाटू श्याम मंदिर कैसे जाए, इसके बारे में चर्चा करेंगे।
सबसे पहले आपको अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन से रींगस जंक्शन के लिए ट्रेन पकड़ लेनी है, और रींगस जंक्शन पर उतरने के बाद यहाँ से खाटू श्याम जी का मंदिर मात्र 17 किलोमीटर की दुरी पर है, आप किसी भी प्राइवेट साधन से यहाँ से मंदिर जा सकते है।
इसके अलावा कई बार रींगस जंक्शन के लिए डायरेक्ट ट्रेन नहीं मितली है, तब आप जयपुर स्टेशन के लिए ट्रेन की टिकट बुक कर सकते है, यहाँ से खाटू श्याम का मंदिर 78 किलोमीटर की दुरी पर है, आप यहाँ से प्राइवेट टेक्सी से बस के माध्यम से मंदीर जाकर दर्शन कर सकते है।
khatu shyam photo। खाटू श्याम फोटो।
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काटू श्याम से सम्बंधित पूछे जाने वाले प्रश्न-
1- jaipur to khatu shyam distance?
Ans- जयपुर रेलवे स्टेशन से बाबा खाटू श्याम मंदिर की दुरी लगभग 78 किलोमीटर है।
2- khatu shyam mandir timing?
Ans- पहले श्याम मंदिर सुबह 4:30 से दोपहर 12:30 बजे तक और शाम 4:30 से रात 10:00 बजे तक भक्तों के दर्शन के लिए खुला रहता था।
3- खाटू श्याम मंदिर कहां स्थित है?
Ans- खाटू श्याम मंदिर राजस्थान के श्री श्यामजी गांव, भरतपुर जिले में स्थित है।
4- खाटू श्याम मंदिर का इतिहास क्या है?
Ans- खाटू श्याम मंदिर का निर्माण 18वीं सदी में हुआ था। इसका इतिहास गहरा है और इसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में माना जाता है।
5- खाटू श्याम मंदिर के प्रमुख पूजा पर्व कब होते हैं?
Ans- खाटू श्याम मंदिर के प्रमुख पूजा पर्व श्रुति द्वादशी और फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के आस-पास होते हैं, जब लाखों भक्त यहां आकर दर्शन करते हैं।
6- खाटू श्याम के अलावा कौन-कौन से देवी-देवता मंदिर में पूजे जाते हैं?
Ans- खाटू श्याम मंदिर में कृष्ण भगवान के अलावा द्वारकाधीश, हनुमान जी, बाला जी, श्री राम, और अन्य देवी-देवताएं भी पूजे जाते हैं।
7- खाटू श्याम मंदिर के पास कौन-कौन से पर्यटन स्थल हैं?
Ans- खाटू श्याम मंदिर के पास कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल हैं, जैसे की बीरबल तालाब, फतेहपुर सिकरी, और लोहगढ़ द्वारिका धाम।
8- खाटू श्याम मंदिर में भक्तों के लिए कैसी सुविधाएं हैं?
Ans- मंदिर के पास भक्तों के लिए आरामदायक धार्मिक आश्रम, भंडारा भवन, और सुखद भोजन की सुविधा होती है।
9- खाटू श्याम मंदिर के बारे में किस प्रकार की कथाएं हैं?
Ans- मंदिर में कई प्रकार की कथाएं हैं, जिनमें श्री श्याम चरित्र, श्री खाटू नायक चरित्र, और अन्य कथाएं शामिल हैं, जो भक्तों के बीच प्रसिद्ध हैं।
10- खाटू श्याम मंदिर का महत्व क्या है?
Ans- खाटू श्याम मंदिर को भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल माना जाता है, और यहां पर हजारों भक्त आकर श्री श्यामजी का दर्शन करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
11- खाटू श्याम मंदिर में आने के लिए सफर कैसे कर सकते हैं?
Ans- खाटू श्याम मंदिर पहुंचने के लिए आप रेलवे, हवाई जहाज और अपने पर्सनल गाड़ी से भी यहां पहुंच सकते हैं।
खाटू श्याम किसके पुत्र थे?
Ans- खाटू श्याम भीम के पौत्र व घटोत्कच के पुत्र थे।
निष्कर्ष- आज आपने क्या सिखा-
आज के इस लेख में हमने khatu shyam photo और खाटू श्याम कौन है, इसके अलावा खाटू श्याम का इतिहास से सम्बंधित बहुत से सवालों के जवाब इस आर्टिकल में दिए है, जिन्हें लोगो के द्वारा अधिक पूछा जाता है।
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